Speech Competition 2021

Speech Competition 2021

"डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था सपने वे नहीं जो सोती हुई आंखों से देखे जाते हैं सपने वे हैं जो आपको सोने नहीं देते "

मेरे सपनों का भारत कैसा हो इस सवाल का जवाब देते हुए बच्चे इतने उत्साहित थे और इतना कमाल का बोल रहे थे कि सुनने वाले सभी आश्चर्यचकित थे । किशोर वय की नन्ही बच्चियां "मेरे सपनों का भारत" इस विषय पर भाषण देते इतना सटीक और विचार पूर्ण बोल रही थी कि उन प्रश्नों पर विचार करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। अवसर था अंतर सदन भाषण प्रतियोगिता का जिसका विषय था "इंडिया ऑफ माय ड्रीम" बोलने का माध्यम अंग्रेजी था बच्चों ने कहा कि उनके सपनों के देश में सबके चेहरे पर मुस्कान हो ,सब का पेट भरा हो ,सबके पास रहने के लिए अपना मकान हो, शिक्षा का अधिकार हो और सबसे बड़ी बात की महिलाओं का सम्मान हो उन्हें बराबरी का अधिकार हो। प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में दीप्ति साठे एवं मेघना यवलेकर उपस्थित थे कार्यक्रम पर अपनी समीक्षा देते हुए प्राचार्य श्रीमती जुनेजा ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि बच्चे पढ़ाई के अलावा देश दुनिया की बातों पर भी अपना एक विचार रखते हैं कार्यक्रम का उद्देश्य था कि बच्चों को एक मंच मिले और उनके विचारों को एक जुबान भी मिले प्रतियोगिता एक सफल आयोजन रही जिसमें सभी प्रतिस्पर्धी पूर्ण तैयारी के साथ उपस्थित हुए थे

"सपनों का पीछा करते करते मंज़िल आख़िरकार मिल ही जाती है"